आजकल लौंडे बात बात पे अपना स्वैग जताते हैं,
शायद हम ही कुछ लोग हैं जिनका स्वैग आजकल वालो से मैच नही खाता!!
मुर्गे टाइप बाल रंगाना और स्याही जैसे जेल लगाकर स्पाइक्स बनाने में नही जो स्वैग तेरे नाम वाले राधे भैया और जॉन अब्राहम वाली हेयर स्टाइल में था,
ऊपर गुब्बारे जैसी फूली और नीचे से चपटी टाइप की शिकारी पैंट और कपड़े के रंगीन जूते पहनने में नही
स्वैग बूट कट वाली जीन्स और लेदर बूट में था,
स्वैग सस्ते रैपर जैसे बनने की कोशिश में दो अलग अलग कलर के बांह वाली झोले जैसी लटकती टी शर्ट में नही
स्वैग मुन्ना भाई वाली फ्लोरोसेंट शर्ट और सर्किट वाले काले कुर्ते और ब्लू डेनिम वाली में था,
पूरी पॉकेट मनी झोंककर पबो में जुगाड़ जमाकर बियर पीकर मटकने में नही स्वैग लावारिस वाली धुन पे रॉयल स्टैग लगाकर मुहल्ले वाली बारातों में फ्री स्टाइल में नाचने में था,
फ्लेवर्ड सिगरेट के साथ हैप्पी डेंट चबाने में नही, स्वैग नेवी कट के साथ दोस्तो की महफ़िल में टपरी वाली चाय में था,
स्वैग गर्लफ्रेंड को कोई छेड़ दे तो दो घंटे में भीड़ इकट्ठी करके लड़ने में नही
स्वैग यारों के लिए साइकल की चेन या हॉकी स्टिक घुमाने में था!!
सोनाली बेंद्रे और माधुरी के सामने आज की आलिया और श्रद्धा कपूर आज भी हाइट कम फाइट ज्यादा टाइप फील देती हैं!!
आजकल तो लोग ब्रेक अप के बाद भी अंग्रेजी गाने सुनकर गम कम कर लेते हैं, अपने पल्ले तो आज तक वो टाइटेनिक वाला गाना नही पड़ा,
आधे तो अंग्रेजी गायकों के अल्बम्स के नाम ही अजीब लगते थे, भैंगा बॉयज टाइप!!
अरमानी का सूट जचाने वालो के सामने आज भी सूट के साथ सफेद स्पोर्ट शूज वालो का स्वैग कतई दमदार लगता है,
दुनिया आगे निकल गयी,
पुराना कुछ हमेशा साथ रहेगा, तो वो है अपना देशियो वाला स्वैग.
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