आज कोटद्वार में मूल निवास रैली में हज़ारों की संख्या में जनता जो घरों से उठकर खुद पहुंची वो ऐतिहासिक था, सबको पीड़ा थी पहाड़ बचाने की, यकीन मानिये ये आंदोलन अब जन आंदोलन बनता जा रहा है, रैली में कई भाजपा के तो कई कॉंग्रेस और कई युकेडी के लोग भी शामिल थे, सभी बस कह रहे थे सुन ले दिल्ली- देहरादून हमें चाहिए मूल निवास, भू कानून और ये शब्द सभी राजनीतिक दलों के मुहँ पर थे।
इस गंभीर मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर चलने का काम जो किया वो मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने किया है जिसकी खूब तारीफ होनी चाहिए। कोटद्वार से जो संदेश गया है वो अब ये है कि देहरादून में बैठी सरकार या तो अपने ही लोगों की बातें मान ले या फिर कुर्सी खाली करने के लिए तैयार रहे, क्योंकि ये आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है उत्तराखंड का मूल निवासी पहाड़ी वाकई में जाग चुका है. राजनीतिक दलों को भी पीड़ा है लेकिन दिल्ली से अब मुख्यमंत्री नहीं मैनेजर नियुक्त होते हैं? ऐसे में मैनेजर फैसले लेंगे असम्भव लगता है? फैसला असली उत्तराखंडी ही लेगा जो जनता को मानता हो उसे जानता हो उसे समझता हो.
#राज बिष्ट
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