पहाड़ की संस्कृति के लिए काम कर रहे उत्तरखंण्ड के मशहूर लोकगायक इंदर आर्या आज कोई परिचय के मोहताज नहीं है। सोशल मीडिया पर छाया हुआ गीत गुलाबी शरारा " गुलाबी शरारा ट्रेंडिंग सांग" ने उत्तराखंडी, पंजाबी, हिमाचली, हिंदी एवं हरियाणवीं के गीतों को पीछे छोड़ दिया था। सोशल साइट्स ट्रेंडिंग पर चल रहा गुलाबी शरारा gulabi sharara वीडियो गीत पर भारत देश के अलावा विदेशों के बड़े बड़े कलाकारों एवं व्लॉगरों ने इस गीत पर रील्स बनाकर शानदार प्रदर्शन किया। इंदर आर्या के कई गीतों ने करोड़ों व्यूज पाये हैं। उन्हीं गीतों में से एक गीत यंग उत्तराखंड ग्रुप ऑफिसियल यूट्यूब चैनल से रिलीज हुआ । जो की बीते दिनों यूट्यूब चैनल से हटा दिया गया है। इस गीत को हटाने पर गीत के गायक इन्दर आर्या समेत कई संगीत प्रेमियों ने नाराजगी जाहिर की है। यूट्यूब से अचानक इस वीडियो गीत हटा दिया गया।
आपको बता दें कि इंदर आर्या ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि जिस गीत ने पूरे उत्तराखण्ड की बोली एवं संस्कृति को देश विदेशों में पहचान दिलाई इस गीत को अपने ही उत्तराखंड के लोगों द्वारा यूट्यूब से हटाया दिया। यह गीत मेरा ही नही पूरे उत्तराखण्ड का गीत था। इस गीत को कॉपीराइट स्ट्राइक मिलने के बाद यूट्यूब टीम ने इसे अपने प्लेटफार्म से हटा दिया। अन्य खबरों के मुताबिक गीत के हटाये जाने की बात कहें तो कोई पुराने गढ़वाली गीत की धुन से गुलाबी शरारा गीत की धुन मिलता हुआ पाया गया। जिसके बाद इस गीत को स्ट्राइक दे दी। लोगों के द्वारा कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं क्या अपने ही उत्तराखंड के लोग अपने पहाड़ के गायक को उभरता हुआ देखना पसंद नहीं करते हैं? क्या देश विदेश में उत्तराखंड की बोली भाषा का डंका बजाने वाले इस गीत को इस तरह स्ट्राईक देना उचित है?
उत्तराखंड मे दूसरे को आगे बढ़ते देख पीछे धकेलने का ये रीवाज बहुत पुराना है?
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